बुधवार, 4 मार्च 2020

व्लॉग - 1

1.


Image by David Bawm from Pixabay

रोहितन परयास करि कि वेथे जमे नि ए। समणि बॉस पिछला आधा घण्टा बटि प्रोजेकटा बारा मा ब्वलण मा लगयूँ छौ। बात मा कुछ भी नयू नि छौ। यु सब बात सभी थे पता छै। पर बॉस हर बात शुरू कन्न से पेली वेचीजो इतिहास,भूगोल इत्यादि सब बताणु अपणु फर्ज समझदु छौ। शायद बॉस बणणु कु यह गुण भी चहेंद च। दुसरों काम इन प्रस्तुत करा जन वु आपण के होलु। रोहित यह बात इले भी मणदु छौ किलेकी बॉस बन्ना बाद यु सभी गुण वेका भितर भी पनपना छाई।

अबि दिना तीन बजणा छ जै कारण रोहित पर नींद तारी होणी छे। रोहितन नोटपैडा बगल मा रखयूँ पैन उठाई अर वेका दगडी खेलण शुरू कौर दयाई। कम सा कम नींद इन त भगलि वेन सोची। वु पेन का बटन दगडी खेलण मा मिलयूं छौ कि बॉसन वे थे देखिक कि अंग्रेजी मा ब्वाल - "रोहित तुम क्या सोचदां? कब तक खत्म होलु यू प्रोजेक्ट? इदगा टैम किले लगणु भई ये मा?"

रोहित न अपणु नौ सुनि त वेकि नींद कु बादल थोडि छटे अर वेना भी अंग्रेजी मा बोलि - "सर क्लाइंट अपनि जरूरत बदळणा छन। हम वु चीज देंदा त कोई और चीज जव्डणु कु वो बवल्दन। ये मा ही टैम जाणु च। मिन ऊँ दगडी मिळणु कु प्लान बनयु च। अगला हफ्ता मीटिंग च। तब सारी बात साफ करला। उम्मीद च ज्यादा सी ज्यादा तीन मैहना मा प्रोजेक्ट पूरु ह्वे जालु।"

"गुड। मीटिंग मा जाण से पहलि मिथे मिलियाँ। हम बैठिक जरूरी बिंदुओं पर बात करला अर फिर अग्ने बढ़ला।" बॉसन बोलि।

"जी जनाब" रोहितन जवाब द्याई।

ये का बाद दूसरा मैनेजर्स दगड़ी बॉस व्यस्त ह्वेगे। रोहितन कुछ बात सुणि अर कुछ नि सुणि। वेकु मन  चायो करणु छौ। वेना घड़ी देखि त सवा तीन ह्वेगे छा। बड़ी मुश्किल से रोहित न अपणा आँखों ते खोलि रखि।

"अच्छा, लेडीज एंड जेंटलमैन। हम अच्छा काम करणा छा। इन्नी काम करला त अपणु अपणु लक्ष्य जरूर हासिल कर ला। अब अगला तीन दिने छुट्टी च त अपणी छुट्टी थे एन्जॉय करा। अपणी बैटरी चार्ज करा ताकि सोमवार ऐकी दोबारा मन लगे कि हम काम कर्णौ तैयार रहां। गुड लक एंड एन्जॉय योर हॉलीडेज।" कहकि बॉसन अपनी बात पूरी करी और सभी न बॉस कु शुक्रियादा कही। बॉस मीटिंग रूम से बाहर चल गे। दुसरा लोग भि भैर जाणा लगनि। रोहित न समय देखि साढ़े चार ह्वे गे छा।

रोहित उठि अर अपना साथि का मैनेजर अमन से बोलि- "मुड़ी चलणु छे यार? चाय पीकर आंदा छाँ जरा।"
"चल यार मि भी बोर ह्वे ग्यों" अमन न बोलि अर दुया मुड़ी चल गैनी।

मुड़ी जैकि दुयोंन चा कु आर्डर दयाई और अमन ना एक सिगरेट जले दयाई। रोहित सिगरेट नि पीन्दू छौ। अमन ना सिगरेट जले की पूछी-"क्या कन्ना तब यू तीन दिनों मा?"
"सोमवारो पता चल जालु। कुछ मजेदार करणु छौं।"- रोहित न रहस्यमय जवाब दयाई।

"अच्छा जी। बते त द्या? कौण सा मि कैथे बतौलू?" अमन न बोलि।

"न यार इन बात नि च। बस अभी ये थे सीक्रेट रखयूँ च। जल्द ही समणि लौलू।"

"चल भे लिंक भेज दे। अब त तेरा चैनल मा ही देखला।"

रोहिता मुखड़ी पर एक मुस्कान उभर ग्ये। मुस्कान काफी कुछ बतौणि छे। अमन थे पता छौ रोहित कुछ नि बतौलू।

रोहित रावत चौंतीस सालो व्यक्ति छौ जु उन त एक सॉफ्टवेयर कम्पनी मा काम करदु छौ पर ये का अलावा वेकु घुमणु फिरणु कु शौक छौ। अपणी यात्राओं का विषय मा वु पहलि ब्लॉग लिखदु छौ पर अब वेना एक यूट्यूब चैनल भि शुरू करी छौ। यू चैनल ज्यादा प्रसिद्ध त नि छौ लेकिन फिर भी काफी लोग ये थे देख्दा छाई। रोहितो खुद खुणी एक लक्ष्य निर्धारित करयूँ छौ अर वे थे यू विश्वास छौ कि ये तीन दिन मा वे थे वु सामग्री मिल जालि जु वे थे अर वेका चैनल थे वू प्रसिद्धि दे देली जे कु वू हकदार छौ।

रोहित अर अमन न चाय कु आखिरी घूँट भरी अर दुया मत्थी आफिस मा चल गैनी। फिर छः बजी तक रोहित न अपणु काम खत्म करी अर अमन थे बाई बोलिकि वह आफिस बटी चल ग्यायी।

आफिस बटी निकलकर ही वेना एक नंबर मिलाई। कुछ देर तक घंटी जाणी रही अर फिर कैना फोन उठे त रोहित न बोलि- "हाँ, सब तैयार च?"फोन बटी जवाब आई त वे न बोलि- "बढ़िया च। मि भी घौर जाणु छौं। नौ बजी करीब ते थे मिल्लू। ठीक च।"
दूसरा तरफ बटी उत्तर सुनि कि वेना फोन काट द्याई।

रोहितन अपणी बाइक स्टार्ट करि अर घौरा तरफ मुड़ ग्यायी। अब वे थे घोर जैकि सामान लेण छौ अर  नताशा थे यु बात समझाणी छाई कि किले वेकु य यात्रा मा जाणु जरूरी छौ।

जारि च.....

© विकास नैनवाल 'अंजान'

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