गुरुवार, 25 जून 2020

जरा फरक, थ्वड़ा सरक


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जरा फरक
थ्वड़ा सरक
किले छे रुक्यूँ
नि घबरा
मि भी छौं चलणु
तू भी चल दिदा

रुकण नी
झुकण नी
बैठण नि
चलदु रैण
लड़दु रैण
मि भी छौ चलणु
तू भी चल दिदा

युई च जीवन 
आलि ये मा अड़चन
मिले की कंधा
यूँ दगड़ी जूझन
किले च घबराणी
किले तू रुकी
मि भी छौ चलणु
तू भी चल दिदा

मठु मठु 
हिट लै तू
रस्ता च यू
गुजर जालु यू
फिर बैठिकि कै दिन
याद करिक यू दिन
हम  हँसला
हम मुस्कराला
मान मेरी बात
नि रुक दिदा
मि भी छौं चलणु
तू भी चल दिदा

जरा फरक
थोड़ा सरक
किले छे रुक्यूँ
नि घबरा
मि भी छौं चलणु
तू भी चल दिदा

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© विकास नैनवाल 'अंजान'

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